बलरामपुर। शाहजहांपुर के किसानों को तराई क्षेत्र रास आ रहा है। वह सब्जी की खेती कर अपने परिवार की जीविका तो चला ही रहे हैं। साथ ही यहां के किसानों के लिए कमाई का जरिया भी साबित हो रहा है। उन्हें घर बैठे गांव रोजगार मिल रहा है। यहां तैयार सब्जियों की धमक फैजाबाद समेत कई जिलों की मंडियों में दिख रही है। यहां से रोजाना 1000 क्विंटल सब्जियां दूसरी मंडियों को आपूर्ति की जा रही हैं। जिसमें कद्दू, लौकी, खीरा, शिमला मिर्च व करेला शामिल हैंशाहजहांपुर जिले के जलालाबाद थाना क्षेत्र के गौसनगर गांव निवासी रफीक चौधरी का कहना है कि वह पहले कानपुर में सब्जी की खेती करते थे। उसके बाद वह लोग बलरामपुर पहुंचे। जहां किसानों से बातचीत की। किसान सब्जी की खेती करने के लिए जमीन लीज पर देने को तैयार हो गए। नवंबर में वह लोग परिवार समेत तराई क्षेत्र में चले आते हैं। आठ माह रहकर वह सब्जियों की खेती करते हैं। इसके लिए इंजन व बोरिंग करवाया जाता है। वैज्ञानिक विधि से सब्जियों की बोवाई की । बोवाई को जाती है। सब्जियों में रोग न लगे, इसके लिए दवाओं का छिडकाव मा का छिड़काव कराया जाता है। देशी खाद का प्रयोग किया जाता है। किसान रफीक चौधरी की मानें तो कद, लौकी, करेला, शिमला मिर्च, खीरा व टमाटर की पैदावार शुरू हो गई है। रोजाना कई क्विंटल हरी सब्जियां फैजाबाद, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती व बहराइच भेजी जाती है। आसपास के 20 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। प्रतिदिन दो से ढाई सौ रुपये मजदूरी दी जा रही है। जिन्हें घर बैठे रोजगार दिया जा रहा है। -व्यापारियों के फोन पर बातचीत हो जाती है। यदि वहां की मंडी में दाम गिरे हए हैं तो वह लोग दूसरी मंडियों में आपूर्ति कर देते हैं। सहालग के समय सब्जियों देते हैं। सहालग के समय सब्जिया की डिमांड बढ़ जाती है। कच्चा सौदा होते हुए भी वह लोग इससे सादा हात हुए भा वह लाग इसस जुड़े हैं। हरी सब्जियों की डिमांड गर्मियों में अधिक बढ़ जाती है।
बलरामपुर के सब्जियों की धमक फैजाबाद में